REPO RATE 6% CRR 4% REVERSE REPO RATE 5.75% SLR 19% MSF 6.25% |

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

वित्तीय शब्दावली

वित्तीय शब्दावली के दौरान कुछ महतवपूर्ण वित्तीय शब्दों के अर्थ समझाने की कोशिश की गयी है | उम्मीद हा की ये आपकी सहायता करेगें और आपको लाभ होगा |




वित्तीय शब्दावली (नवीन शर्मा)
स्टॉक मार्केट : वह बाज़ार जहाँ शेयर (कंपनी में हिस्सेदारी का एक निश्चित भाग) जारी किये जाते है, उनका व्यापार किया जाता है, स्टॉक मार्केट कहलाता है | इसे इक्विटी मार्केट भी कहा जाता है |
रेपो रेट : वह दर जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया बाकी कमर्शियल बैंको को राजकोषीय बिल खरीद कर अल्प समय के लिए पैसा उधार देता है | रेपो रेट शब्द ‘रीपर्चेज एग्रीमेंट’ का संक्षिप्त रूप है | रेपो रेट कम होने पर बैंको को आरबीआई से पैसा सस्ती दर पर मिल जाता है | मार्केट में तरलता बढ़ जाती है |
रिवर्स रेपो रेट : वह दर जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंको से अल्प समय के लिए  पैसा उधार लेता है| रिवर्स रेपो रेट ऊँची होने पर बैंक आरबीआई को ज्यदा से ज्यादा पैसा देना चाहते है | मार्केट में तरलता कम करने के लिए यह प्रयुक्त होता है |
आयकर (income tax): किसी व्यक्ति की सभी स्रोतों से होने वाली कुल आय पर सरकार की और से लगाया जाने वाला कर आयकर कहलाता है | कंपनियों की आय पर लगने वाले कर को कॉर्पोरेट टैक्स कहते है | यह डायरेक्ट (प्रत्यक्ष) टैक्स होता है |
सेवा कर (सर्विस टैक्स ) : सेवाओं पर लगने वाले कर को सेवा कर कहते है | यह अप्रत्यक्ष (indirect) कर है | यह कर सेवाओं का उपयोग करने वाले से वसूला जाता है | इस कर का नियंत्रण केंद्रीय उत्पाद एवम सीमा शुल्क बोर्ड के अधीन आता है |   
मौद्रिक नीति : यह वह नीति है जो किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | केंद्रीय बैंक इसके द्वारा अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करता है | अर्थव्यवस्था में पैसा अधिक आजाने से मुद्रास्फीति बदती है | अर्थव्यवस्था में पैसे की कमी से भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | इन सब से निपटने के लिए ही मौद्रिक नीति बनाई जाती है | मौद्रिक नीति में सामान्यत: ब्याज दरे घटाई व बढाई जाती है
मुद्रास्फीति : वस्तुओं व सेवाओं की कीमतों में लगातार बढोतरी व पैसे के मूल्य में कमी को मुद्रास्फीति
कहते है | मुद्रास्फीति के दौरान वस्तु खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ते है | मुद्रास्फीति बदने से क्रय शक्ति घटती है |     
सकल घरेलू उत्पाद : GDP: Gross Domestic Product : एक निश्चित समय अन्तराल के भीतर किसी भी देश की सीमओं के अन्दर हुए उत्पादन व सेवाओ की मौद्रिक कीमत को उस देश का सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है | इसे वार्षिक रूप से मापा जाता है |
सेंसेक्स : इसका पूरा अर्थ सेंसिटिव इंडेक्स है | यह BSE बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का मानक सूचकांक है | इसमें भारत की तीस बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है, इन कंपनियों के शेयरों की स्थिति देख कर बाज़ार के रूख का पता लगाया जाता है |
बैलेंस शीट : बैलेंस शीट वह दस्तावेज है जिसकी मदद से किसी व्यवसाय की सम्पति व दायित्व के बारे में पूरी जानकारी मिलती है | निवेशको को इस से किसी भी व्यवसाय या कंपनी में निवेश करने में सुविधा रहती है |   
क्लीन बैलेंस शीट : इसमें यह दिखाया जाता है कि समय विशेष के दौरान कंपनी के ऊपर कोई देनदारी बकाया नहीं है |
ऑफशोर फण्ड : जिस फण्ड के उन्तार्गत म्यूच्यूअल फण्ड कंपनियां विदेश से धन जूता कर देश के भीतर विनियोजित करती है उसे ऑफशोर फण्ड कहते है |
फ्रिंज बेनिफिट टैक्स : कंपनियां अपने कर्मचारियों को जो सुविधा देती है जैसे फ़ोन, कार, एलटीसी आदि इनके बदले ऊपर जो टैक्स लगाया जाता है उसे फ्रिंज बेनिफिट टैक्स कहते है |
बैंक रेट : यह वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक अन्य बैंको व वित्तीय संस्थानों को उधार देता है | बैंक दर से ही जमा पर ब्याज कम या ज्यादा होता है | ऋण पर भी इसका असर पड़ता है 

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